इसमें पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण, संवर्धन, जल कटाई पर रोक, पहाड़ों का संरक्षण, पीसीसी सड़कों के निर्माण पर रोक की वकालत की गयी।
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इस संस्था ने भविष्य में जलागम प्रबंधन, घराट संवर्धन, पौराणिक और पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण करने की दिशा में सतत रूप से काम जारी रखने का निर्णय लिया है।